इंदौर में 8 से 10 जनवरी 2023 के बीच आयोजित होने वाले 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas) को ‘‘कार्बन न्यूट्रल’’ (कार्बन तटस्थ) आयोजन बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। इसको सफल बनाने के लिए लिए प्रशासन ने ‘3 आर’ (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) अवधारणा का सहारा लिया है। करीब 35 लाख आबादी का यह शहर केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षणों में लगातार छह सालों से अव्वल बना हुआ है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बुधवार को सम्मेलन से जुड़े यह जानकारी दी कि करीब 3,000 लोगों की मौजूदगी वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में ग्रीन ऊर्जा के इस्तेमाल के साथ ही भोजन की बर्बादी रोकने समेत अलग-अलग उपाय किए जा रहे हैं ताकि कार्बन डाइ ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती की जा सके।
क्या है ‘कार्बन न्यूट्रल’
‘कार्बन न्यूट्रल’ का अर्थ वातावरण में कार्बन उत्सर्जन और उसके अवशोषित होने के बीच संतुलन स्थापित करने से है। यह उपाय महत्वपूर्ण है क्योंकि कार्बन डाइ ऑक्साइड सरीखी ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हरित ऊर्जा होगी इस्तेमाल
‘3 आर’ की अवधारणा के आधार पर प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas) को ‘‘कार्बन न्यूट्रल’’ बनाया जाएगा। इस सम्मेलन के लिए एक सरकारी बिजली वितरण कम्पनी को अतिरिक्त शुल्क चुका कर हरित ऊर्जा खरीदी जा रही है। साथ ही सम्मेलन में बिजली की खपत और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने के लिए एलईडी बल्बों तथा पांच सितारा रेटिंग वाले एयरकंडीशनरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अपशिष्ट भोजन से बनाई जाएगी खाद
‘प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन शून्य अपशिष्ट (जीरो वेस्ट) आयोजन भी होगा। सम्मेलन के दौरान खाने व पानी की बर्बादी पर भी अंकुश लगाया जाएगा और थालियों में बचने वाले भोजन का प्रसंस्करण कर इससे खाद बनाई जाएगी। साथ ही सम्मेलन में सरकार द्वारा बिजली या सीएनजी से चलने वाले वाहनों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की कोशिश की जाएगी।
मेहमान रोपेंगे 3,000 पौधे
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की यादों को चिरस्थायी बनाने के लिए शहर की स्कीम नम्बर 113 में ‘‘ग्लोबल पार्क’’ विकसित किया जा रहा है और सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमान इसमें अलग-अलग किस्मों के 3,000 पौधे रोपेंगे।
हरित और ज्यादा समृद्ध भविष्य का रास्ता
क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर (CAT) के विश्लेषणों में भी यह कहा जा रहा है कि भारत 2 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को प्राप्त करने की सही राह पर है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा नवीनीकरण योग्य ऊर्जा और बिजली से चलने वाले वाहनों (EV) को लेकर लाई गई नीतियां ‘कार्बन न्यूट्रल’ की ओर इशारा करती हैं। भारत सरकार द्वारा हाल में उठाए गए नीतिगत कदम उत्साह बढ़ाने वाले हैं। उदाहरण के लिए, भारत पेरिस जलवायु समझौते के तहत दिए गए अपने वादे पूरी करने की सही दिशा में बढ़ रहा है।