स्वामी विवेकानंद जयंती – उनकी 10 उक्ति जो आपकी सोच बदल दें।

स्वामी विवेकानंद हमारे लिए आदर्श है। प्रतिवर्ष विवेकानंद जयंती (Swami Vivekananda Birth Anniversary) 12 जनवरी को मनाई जाती है।

स्वामी विवेकानंद हमारे लिए आदर्श है। प्रतिवर्ष विवेकानंद जयंती (Swami Vivekananda Birth Anniversary) 12 जनवरी को मनाई जाती है। यह दिन युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विवेकानंद जी ने हमें सफलता के कई मूलमंत्र हमें बताए हैं, उन्हें जीवन में आत्मसात करके हम हर क्षेत्र में सफलता तथा विजय प्राप्त कर सकते हैं।

आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के 10 उक्ति –

  1. विश्व एक व्यायामशाला है, जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
  2. कभी मत सोचिए कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।
  3. जब भी दिल और दिमाग के टकराव हो तो दिल की सुनो।
  4. बड़े-बड़े दिग्गज बह जाएंगे। छोटे-मोटे की तो बात ही क्या है! तुम लोग कमर कसकर कार्य में जुट जाओ, हुंकार मात्र से हम दुनिया को पलट देंगे। अभी तो केवल मात्र प्रारंभ ही है। किसी के साथ विवाद न कर हिल-मिलकर अग्रसर होयह दुनिया भयानक है, किसी पर विश्वास नहीं है। डरने का कोई कारण नहीं है, मां मेरे साथ हैंइस बार ऐसे कार्य होंगे कि तुम चकित हो जाओगे। भय किस बात का? किसका भय? वज्र जैसा हृदय बनाकर कार्य में जुट जाओ।
  5. अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है अन्यथा ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाए, उतना बेहतर है।
  6. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक कि लक्ष्य न प्राप्त हो जाए।
  7. जीवन का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता, इसे स्वयं को बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है।
  8. सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
  9. हम वो हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
  10. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।