अस्थमा (Asthma) फेफड़ों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। अगर आप अस्थमा के मरीज़ हैं, तो सर्दी का मौसम इस स्थिति को और बिगाड़ सकता है। तापमान के गिरने और सर्दी हवाओं के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अस्थमा के मरीज़ों को खास ध्यान रखने की ज़रूरत होती है।
ठंड के मौसम और अस्थमा में क्या संबंध है?
अस्थमा (Asthma) में ब्रोन्कियल ट्यूब या वायुमार्ग में सूजन आ जाती है, जो लाइफस्टाइल या फिर पर्यावरण के कारण ट्रिगर हो सकता है। सूजन आने से सांस लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे लोग घुटन महसूस करने लगते हैं। ठंड का मौसम अस्थमा के मरीज़ों के लिए और खराब साबित होता है, क्योंकि इस दौरान ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। शोध के अनुसार, ठंड में अस्थमा के 80 फीसदी मरीज़ सांस लेने में तकलीफ से जूझते हैं।
सर्दी में चलना या फिर एक्सरसाइज़ करना एक बड़ा कारण बन जाता है, क्योंकि ऐसे में ज़्यादा हवा अंदर लेने के लिए मुंह से सांस लेने लगते हैं। नाक में रक्त वाहिकाएं होती हैं, जो आपके फेफड़ों तक हवा को पहुंचाने से पहले उसे गर्म और आर्द्र करती हैं, जबकि मुंह से सांस लेने से सीधे ठंडी और शुष्क हवा फेफड़ों तक पहुंच जाती है।
अस्थमा के लक्षण क्या हैं?
- सांस लेते समय घरघराहट, सीटी की आवाज़
- सांस फूलना
- सीने में जकड़न महसूस होना
- लगातार खांसी होना
- दिल की धड़कनों का बढ़ना
- बेहोशी महसूस होना
- थकावट
- चक्कर आना
- होंठों या उंगलियों का नीला पड़ जाना
- ठंड में क्यों बढ़ जाता है अस्थमा अटैक का ख़तरा?
ठंड हवा रूखापन बढ़ाती है – नाक में हमेशा म्यूकस होता है, जो अंदर की त्वचा को नम रखने का काम करता है। हालांकि, जब हम ठंडी हवा में सांस लेते हैं, तो यह म्यूकम सूख जाता है, जिससे नाक में अंदर से सूजन आ सकती है। इससे अस्थमा (Asthma) के मरीज़ों की दिक्कतें शुरू हो सकती है।
ठंडी हवा संक्रमण को बढ़ाती है – ठंड के मौसम में फ्लू, खांसी, सर्दी और श्वसन से जुड़े दूसरे संक्रमणों का ख़तरा बढ़ जाता है। अगर आप अंदर रहते हैं, तो धूल, तंबाकू का धुंआ, नमी, गरमाहट, मोल्ड जैसी चीज़ें एलर्जी को बढ़ाती हैं।
ठंड में अस्थमा अटैक से कैसे बचा जा सकता है?
- अस्थमा से बचने के लिए ऐसी चीज़ों से बचें जो इसे ट्रिगर कर सकती हैं।
- सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे श्वसन से जुड़े संक्रमणों का ख़तरा ठंड के मौसम में बढ़ जाता है, जो अस्थमा को और खराब कर सकता है। इसलिए फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हर साल फ्लू की वैक्सीन लगवाएं।
- अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें और दवाइयां समय पर लें।
- जल्दी आराम पाने की दवाइयों और इनहेलर को हमेशा अपने पास रखें।